दिल्ली फतह के बाद अब यूपी पर आप की नजर

 


दिल्ली फतह के बाद अब यूपी पर आप की नजर


नोएडा। दिल्ली फतह करने के बाद अब आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में गतिविधियां तेज करने जा रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने वाले मूल रूप से उत्तर प्रदेश के 12 विधायक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली विकास मॉडल का जनता के बीच प्रचार करेंगे। इन विधायकों के गृह जनपदों में अभिनंदन समारोह आयोजित किए जाएंगे। 23 फरवरी से 23 मार्च के बीच सदस्यता अभियान चलाया जाएगा।


 

सोमवार को नोएडा पहुंचे पार्टी के राज्यसभा सांसद व प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कांप्लेक्स में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि 23 फरवरी को लखनऊ के गांधी भवन में कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसी दिन पूरे प्रदेश में सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा। प्रत्येक जनपद में काउंटर लगाकर, मिस्ड कॉल और वेबसाइट के जरिये सदस्य बनाए जाएंगे। 20 लाख पोस्टर के जरिये केजरीवाल मॉडल का प्रचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल पर तमाम व्यक्तिगत हमले किए, लेकिन पार्टी ने 90 फीसदी सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करा संदेश दिया है कि अब काम की राजनीति को ही जनता पसंद करेगी। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष सभाजीत सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. छवि यादव, सचिव मीनाक्षी श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष भूपेंद्र जादौन, पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व लोकसभा प्रत्याशी केपी सिंह, जिला महासचिव व पार्टी प्रवक्ता संजीव निगम, जिला उपाध्यक्ष अनिल चौधरी व परशुराम चौधरी, जिला प्रवक्ता एके सिंह, जिला कोषाध्यक्ष उमेश गौतम, यूथ विंग के जिला अध्यक्ष राहुल सेठ आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिली प्रचार की जिम्मेदारी
12 विधायक जनता के बीच जाकर केजरीवाल के विकास मॉडल पर चर्चा करेंगे। इनमें हापुड़ के मूल निवासी पटपड़गंज से विधायक एवं उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बागपत के मूल निवासी सत्येंद्र जैन, मऊ के गोपाल राय, लोनी (गाजियाबाद) के इमरान हुसैन, गाजियाबाद के कुलदीप मोनू, खलीलाबाद बस्ती के अखिलेश त्रिपाठी, आगरा के राजेश ऋषि, गिरीश सोनी, दिनेश मोहनिया के अलावा गाजीपुर के दिलीप पांडेय, मेरठ के अमानतुल्लाह खान, मैनपुरी की प्रीति तोमर शामिल हैं।
चुनाव लड़ने की बात टाल गए सांसद
यूपी में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी भूमिका पर राज्यसभा सांसद कुछ भी कहने से बचते रहे। उन्होंने पश्चिमी यूपी में संगठन को मजबूत बनाने की बात कहकर दिल्ली के नजदीकी जिलों में ताल ठोकने के संकेत दिए। कहा कि उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा।
शाहीन बाग का आंदोलन खत्म कराना केंद्र की जिम्मेदारी
संजय सिंह ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहा आंदोलन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में है। केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 10 दिन पहले आंदोलनकारियों से बातचीत का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया। 10500 करोड़ रुपये के एनपीए, महंगाई, जीडीपी में गिरावट जैसे मुद्दों से भटकाने के लिए केंद्र सरकार जान-बूझकर शाहीन बाग आंदोलन को बढ़ावा दे रही है। दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र के अधीन है, इसमें दिल्ली सरकार की कोई भूमिका नहीं है।